Posted by —-Vimal Shukula
December 4 Tuesday 2018 09:00AM
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवंबर को वोटिंग हो चुके हैं. 11 दिसंबर को चुनाव का रिजल्ट घोषित किया जाएगा.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के वायरल ऑडियो और वीडियो उनके लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. अब इंदौर-3 से बीजेपी प्रत्याशी उषा ठाकुर का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह अपनी पार्टी के फैसले पर सवाल खड़े करती नजर आ रही हैं.
इंदौर-3 से मौजूदा विधायक उषा ठाकुर एक वीडियो में कहती नजर आ रही हैं, ”राजनीति मेरा मिशन है, मैंने कमीशन के लिए राजनीति नहीं की. किसी सांठगांठ के तहत मुझे यहां (महू) नहीं भेजा गया, यह सीधे तौर पर राजनीतिक अन्याय है. सचमुच जितना आपको स्वीकारने में कष्ट है कि एकाएक एक शख्स जिसे हम नहीं जानते तक ही नहीं हैं, और उसको बोल दिया जाता है कि तुम वहां चले जाओ. ये जो वंशवाद का ग्रहण कांग्रेस को था, वह हमारी पार्टी बीजेपी को भी लग चुका है.”
राष्ट्रीय अध्यक्ष को किया सेट
बीजेपी प्रत्याशी उषा ठाकुर ने आरोप लगाया कि हमारी पार्टी के महासचिव (कैलाश विजयवर्गीय) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) को सेट करके मुझे इंदौर से महू भेज दिया. बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश को बीजेपी ने इस बार इंदौर-3 सीट से चुनावी मैदान में उतारा है और उषा को महू से टिकट दिया है. महू सीट पर 2013 में कैलाश ने जीत दर्ज की थी. MP चुनाव: इंदौर की सबसे छोटी विधानसभा है इंदौर-3, कांग्रेस को मात दे सत्ता में आई BJP
सीट पर बदलने का दुख
उषा ठाकुर का यह दर्द उनका विधानसभा क्षेत्र बदलने पर छलका है. बीजेपी उम्मीदवार अपने चुनावी प्रचार के दौरान महू विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं. हालांकि, जी न्यूज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. MP चुनाव: संविधान निर्माता आम्बेडकर की जन्मस्थली ‘महू’ कैसे बनी बीजेपी का गढ़
लव-जिहाद’ पर चर्चा में रहीं
बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ‘लव जिहाद’ को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं. नवरात्रि के मौके पर उषा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि उनके विधानसभा क्षेत्र इंदौर (3) में गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम युवा न दाखिल हो पाएं. ठाकुर ने कहा था कि मुस्लिम युवा ‘लव जिहाद’ के तहत हिंदू लड़कियों को बहला-फुसला लेते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल करा देते हैं. इस बयानबाजी के बाद काफी विवाद हुआ था.